12 Jyotirlinga भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंग
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12 Jyotirling: ज्योतिर्लिंग भगवान् शिव के वह पावन धाम हैं जहाँ स्वयं भगवान् भोलेनाथ प्रकट हुए हैं। यह धरती पर भगवान् शिव का प्रत्यक्ष रूप हैं। इनके नाम स्मरण मात्र से ही मनुष्य के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन से इंसान पापमुक्त हो जाता है। इनका नाम जपने से भगवान् शिव अपने भक्तों को मनवांछित फल प्रदान करते हैं। 12 JYOTIRLINGA OF LORD SHIVA IN HINDI, LORD SHIVA 12 JYOTIRLINGA IN HINDI, BHAGWAN SHIV KE 12 JYOTIRLING NAME, JYOTIRLINGA TEMPLES LIST.
आइये जानते हैं भगवान् शिव के 12 पावन धाम ज्योतिर्लिंग के विषय में :
भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंग
What are the 12 Jyotirlingas of India and where are they located?
1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग (Somnath Jyotirlinga):
Gujarat राज्य में प्रभास पाटन क्षेत्र में स्थित Somnath Mandir, Gujarat भगवान् शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रथम ज्योतिर्लिंग है। यह अरब सागर के तट पर स्थित एक प्राचीन तीर्थ स्थल है। एक बार राजा दक्ष ने चंद्र देव को क्षय होने का श्राप दे दिया था। तब चंद्रदेव ने भगवान् शिव की आराधना की। जिससे प्रसन्न होकर भगवान् शिव ने उन्हें क्षय से मुक्त किया और यहाँ पर भगवान् सोमनाथ के रूप में विराजमान हो गए।
सोमनाथ यात्रा की बहुत महिमा है। जो भी भक्त सच्चे मन से सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करता है उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। जीवन में कष्टों का निवारण हो जाता है तथा मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
2. मल्लिकाजुर्न ज्योतिर्लिंग (Mallikarjuna Jyotirlinga):
Andhra Pradesh राज्य में कृष्णा जिले में स्थित यह ज्योतिर्लिंग भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। यह ज्योतिर्लिंग पावन कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल पर्वत पर स्थित है। जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान् मल्लिकार्जुन की स्तुति तथा दर्शन करते हैं, भगवान् मल्लिकार्जुन उनके सभी कष्ट दूर करके उनकी जिंदगी को खुशियों से भर देते हैं।
3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (Mahakaleshwar Jyotirlinga):
Madhya Pradesh राज्य में तीर्थनगरी Ujjain में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक प्राचीन ज्योतिर्लिंग है। यह एक स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है। यहाँ भगवान् शिव महाकाल के रूप में विराजमान हैं। प्रतिदिन सुबह भगवान् महाकाल की भस्म आरती की जाती है।
भगवान् महाकाल ही उज्जैन के राजा हैं। भगवान् महाकाल की आराधना एवं दर्शन करने से व्यक्ति के समस्त दुखों का नाश होता है। यहाँ वर्ष भर भक्तों की बहुत भीड़ होती है। भगवान् महाकाल की भस्म आरती के दर्शन करने के लिए महीनों पहले बुकिंग करवाई जाती है।
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4. ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग (Shri Omkareshwar Jyotirlinga):
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) राज्य में खंडवा जिले में स्थित ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। यहाँ भगवान शिव ओम्कारेश्वर तथा ममलेश्वर रूप में विराजमान हैं। यह नर्मदा के पावन तट पर स्थित है। भक्त उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करके ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने जा सकते हैं। यहाँ भगवान् शिव के ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शनों का विशेष महत्त्व है।
5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग (Kedarnath Jyotirlinga):
Uttarakhand राज्य के Rudraprayag जिले हिमालय की गोद में स्थित केदारनाथ महादेव मंदिर (Kedarnath Temple) भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। यह एक प्राचीन ज्योतिर्लिंग है। यह मंदिर वास्तुशिल्प का श्रेष्ठ उदहारण है। यह उत्तराखंड के चार धाम (Badrinath, Kedarnath, Gangotri, Yamunotri) में से भी एक है। भक्त भगवान् बद्रीनाथ के दर्शनों के साथ भगवान् केदारनाथ महादेव के दर्शन भी करते हैं। तभी भगवान् बद्रीनाथ की यात्रा सफल मानी जाती है।
6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग (Bhimashankar Jyotirlinga):
Maharashtra राज्य में Pune के निकट सह्याद्रि पर्वत पर स्थित भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। यह एक प्रसिद्द तीर्थस्थल है। यहाँ स्थित शिवलिंग काफी मोटा होने के कारण मोटेश्वर महादेव के रूप में भी जाना जाता है। भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की शास्त्रों में बहुत महिमा बताई गयी है। जो भी भक्त सच्चे मन से भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का स्मरण या दर्शन करता है वह पाप मुक्त हो जाता है। तथा भगवान् शिव की असीम कृपा उन पर बरसती है।
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7. विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग (Vishwanath Jyotirlinga):
Uttar Pradesh राज्य के Varanasi क्षेत्र में माँ गंगा (Holy Ganga) के पावन तट पर स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर (Shri Kashi Vishwanath Temple) भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में एक प्राचीन ज्योतिर्लिंग है। काशी को भगवान् शिव की नगरी कहा जाता है। यहाँ भगवान् शिव विश्वनाथ महादेव के रूप में माता पारवती के साथ विराजमान हैं। यह मान्यता है कि भगवान् शिव की नगरी वाराणसी में माँ गंगा के पावन जल में स्नान करने के बाद जो भी भक्त भगवान् विश्वनाथ के दर्शन करते हैं वह मोक्ष को प्राप्त करते हैं। काशी विश्वनाथ के विषय में यह मान्यता है कि यहाँ भगवान् भोलेनाथ स्वयं निवास करते हैं।
8. त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग (Trimbakeshwar Jyotirlinga):
Maharashtra राज्य में नासिक जिले में स्थित यह ज्योतिर्लिंग (Trimbakeshwar Shiva Temple) भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। यहाँ पर ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों ही विराजमान हैं। त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शनों की बहुत महिमा है। इस ज्योतिर्लिंग के विषय में मान्यता है कि ऋषि गौतम की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान् शिव यहाँ त्रयंबकेश्वर रूप में विराजमान हुए। त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास ही पवित्र गोदावरी नदी का भी उद्गम श्रोत है।
9. बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग (Baidyanath Jyotirlinga):
Jharkhand राज्य में Deoghar में स्थित बाबा बैजनाथ धाम (Baba Baidyanath Temple) भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। यह एक प्राचीन ज्योतिर्लिंग है। Baba Baidyanath Dham Jyotirlinga का सम्बन्ध रावण से जुड़ा हुआ है। शास्त्रों में वर्णित है कि रावण ने भगवान् भोलेनाथ की कठिन तपस्या की तथा उनसे वरदान के रूप में लंका चलने को कहा। भोलेनाथ जी ने रावण से कहा कि मैं तुम्हारे साथ अवश्य चलूँगा लेकिन यदि मार्ग में तुमने मुझे कहीं नीचे जमीं पर रख दिया तो मैं फिर वहां से नहीं हिलूंगा। रावण शिवलिंग को लेकर लंका की और चला।
इससे सभी देवी देवता चिंतित हो गए। फिर श्री हरी विष्णु ने अपनी माया को दिखाया जिससे मार्ग में रावण को लघुशंका हुई तो रावण एक ग्वाले को वह शिवलिंग देकर लघुशंका के लिए चला गया। जब तक वह वापस आया तो ग्वाले ने वह शिवलिंग जमीं पर रख दिया। शिवलिंग को जमीं पर देखकर रावण को बहुत क्रोध आया। उसने उसे उठाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह असफल रहा। फिर उस ग्वाले ने भगवान् भोलेनाथ की स्थापना की। इस प्रकार यह ज्योतिर्लिंग बाबा बैजनाथ के नाम से विख्यात हुआ। यहाँ दर्शनों की विशेष महत्ता है। भक्त बहुत भारी संख्या में बाबा बैजनाथ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
10. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga):
दारूकावन, Gujarat में स्थित नागेश्वर महादेव मंदिर (Nageshwar Temple) भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। यहाँ भगवान नागेश्वर रूप में विराजते हैं। नागेश्वर ज्योतिलिंग के दर्शन का बड़ा महत्त्व है। जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान् नागेश्वर का स्मरण करता है या दर्शन करता है, उसके समस्त कष्टों का निवारण हो जाता है एवं जीवन खुशियों से भर जाता है।
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11. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग (Rameshwaram Jyotirlinga) :
Tamilnadu राज्य में स्थित रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग (Ramanathaswamy Temple) भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक ज्योतिर्लिंग है। यह ज्योतिर्लिंग होने के साथ ही भगवान् विष्णु के भारत की चारों दिशाओं में स्थित चार धाम (उत्तर में बद्रीनाथ, पश्चिम में द्वारकाधीश, पूर्व में जगन्नाथ पूरी तथा दक्षिण में रामेश्वरम) में से एक धाम भी है। भक्त यहाँ Rameshwaram Jyotirlinga Temple के दर्शन के साथ भगवान् विष्णु के पावन धाम रामेश्वरम के भी दर्शन करते हैं। इस ज्योतिर्लिंग का बहुत महत्त्व है।
त्रेता युग में भगवान् राम जब लंका विजय के लिए समुद्र तट पर पहुंचे तो उन्होंने यहाँ पर अपने आराध्य भगवान शिव की शिवलिंग स्थापना कर स्तुति की थी। भगवान् शिव ने उन्हें विजयी होने का आशीर्वाद दिया था। भगवान राम के अनुग्रह पर भगवान् शिव अपने भक्तों के उद्धार के लिए यहाँ रामेश्वरम महादेव के रूप में विराजमान हो गए। रामेश्वरम के निकट ही राम सेतु के अवशेष आज भी विद्यमान हैं।
12. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग (Ghrineshwar Jyotirlinga):
Maharashtra राज्य में Aurangabad जिले में स्थित घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग (Ghrineshwar Temple) भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। यह घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग (Gushmeshwar Jyotirlinga) के नाम से भी पुकारा जाता है। यहाँ के दर्शनों की शास्त्रों में बहुत महिमा बताई गयी है। भक्त सच्चे मन से भगवान् घृष्णेश्वर के दर्शन कर पुण्य के भागी बनते हैं।
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इन 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन से भक्तों पर भगवान शिव की असीम अनुकम्पा होती है। यह ज्योतिर्लिंग भगवान् शिव का साक्षात निवास हैं। इनकी स्तुति एवं दर्शन मात्र से ही प्राणी को समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है।
दोस्तों उम्मीद है की यह लेख आपको भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंग की जानकारी देने में सफल हुआ होगा। यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य व्यक्तियों तक भी शेयर कीजिये। धन्यवाद।
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