Happy Vasant Panchami to all

आप सभी को वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं (Happy Vasant Panchami to all)। वसंत पंचमी का त्यौहार भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। विशेष रूप से उत्तर भारत में यह त्यौहार बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। सभी लोग बढ़ी धूम धाम से माँ सरस्वती की पूजा करते हैं। वसंत पंचमी के दिन विद्या, बुद्धि और संगीत की देवी माँ सरस्वती का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। वसंत पंचमी का किसानों के जीवन में भी बहुत महत्त्व है। किसानों की मेहनत इस समय खेतों में रंग ले आती है।

इस त्यौहार के समय सरसों के खेत खूबसूरत अंदाज में लहलहाते हैं। सरसों के खेत पीले और हरे रंग की अद्भुत छवि प्रस्तुत करते हैं। जिनकी छठा देखते ही बनती है। चना, गेहूं और जौ आदि की बालियाँ खेतों में खूबसूरत छठा बिखेरती हैं। वसंत पंचमी के दिन से ही वसंत ऋतू का आगमन होता है। वसंत को ऋतुओं का राजा भी कहा जाता है। वसंत पंचमी के समय मौसम सुहावना होता है।

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Happy Vasant Panchami

Happy Vasant Panchami

वसंत पंचमी का त्यौहार हर वर्ष माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। 2020 में वसंत पंचमी का त्यौहार 29 जनवरी को मनाया जा रहा है। वसंत पंचमी को श्री पंचमी भी कहा जाता है।

वसंत पंचमी का महत्व:

पौराणिक कथाओं में प्रचलित एक कथा के अनुसार सृष्टि की रचना के समय भगवान ब्रह्मा ने जब समस्त संसार की रचना की तो उनको अपनी रचना में कुछ कमी सी लगी। भगवान ब्रह्मा को लगता था कि चारों तरफ एक प्रकार का मौन छाया रहता है। इसलिए भगवान ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से जल छिड़का, जिससे चार हाथों वाली दिव्य स्त्री प्रकट हुई। उस स्त्री के एक हाथ में वीणा, दूसरे में पुस्तक, तीसरे में माला और चौथा हाथ वर मुद्रा में था।

भगवान ब्रह्मा जी ने उस स्त्री से वीणा बजाने का अनुरोध किया। जैसे ही उस दिव्य स्त्री की वीणा का मधुर नाद हुआ, संसार के समस्त प्राणियों में वाणी का संचार हुआ, नदियों का जल कोलाहल करने लगा, हवाएं बहने लगी। तब ब्रह्मा जी ने उस स्त्री को देवी सरस्वती के नाम से सम्बोधित किया। सरस्वती को वागीश्वरी, भगवती, शारदा और वीणावादिनी जैसे अनेक नामों से पूजा जाता है। माँ सरस्वती विद्या, बुद्धि और संगीत की देवी हैं। ब्रह्मा जी ने देवी सरस्वती की उत्पत्ति बसंत पंचमी को ही की थी, इसलिए हर वर्ष वसंत पंचमी को देवी सरस्वती का जन्म दिवस मनाया जाता है।

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वसंत ऋतू में प्रकृति की सुंदरता देखते ही बनती है। वसंत ऋतू में सभी प्राणियों में एक नयी ऊर्जा का संचार होता है। सर्दियों के बाद सभी पेड़ पौधे, जीव जंतु, प्राणी एक नयी ऊर्जा से युक्त होते हैं। इस समय न अधिक सर्दी होती है और न ही अधिक गर्मी होती है। इसलिए मौसम का सुहावनापन भी खूबसरत होता है।

वसंत पंचमी के पावन पर्व पर पावन नदियों में स्नान का भी महत्व है। अनेक पवित्र नदियों के तट तथा अनेक तीर्थ स्थानों में भी वसंत उत्सव का आयोजन किया जाता है।

 

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कवियों, लेखकों, गायकों और कलाकारों के लिए भी वसंत पंचमी का बड़ा महत्व है। सभी इस दिन अपने उपकरणों की पूजा करते हैं, और दिन की शुरुआत सरस्वती वंदना से करते हैं।

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