HOW TO IMPROVE YOURSELF?
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स्वयं को बेहतर कैसे बनाएं ? (How to improve yourself?): हमें बदलते समय के साथ अपने आपको भी बेहतर बनाना होता है। हम कल तक क्या थे, यह उतना अधिक महत्वपूर्ण नहीं है, जितना कि हम आज क्या हैं। हमें निरंतर अपने आपको भी बदलना पड़ता है। जिससे कि हम समाज के साथ सामंजस्य बिठा सकें। यह लेख आपको अपने आपको बेहतर बनाने के महत्वपूर्ण बिंदुओं के विषय में बताएगा। यह लेख आपको अपना स्वयं का व्यक्तित्व विकास करने में सहायता करेगा।
अहंकार का त्याग करें :
अपने आपको एक बेहतर इंसान बनाने के लिए आपको अहंकार का त्याग करना होगा। एक अहंकारी व्यक्ति समाज में समन्वय की भावना कभी भी विकसित नहीं करेगा। वह अहंकार का ऐसा आवरण ओढ़कर रखेगा। जिससे कि समाज में विघटन की समस्या का जन्म होगा। इसलिए अहंकार का त्याग करके इंसान मनुष्यता के वास्तविक अर्थ को समझ सकता है
गलतियों से सीखें:
हमें अपनी गलतियों से सीख लेनी चाहिए। इससे हमें एक बेहतर इंसान बनने में मदद मिलेगी। गलतियां होना स्वाभाविक है, ऐसा कोई इंसान नहीं हो सकता जिसने कभी भी गलती न की हो। परन्तु एक बेहतर इंसान उन गलतियों से सीखता है और उस सीख को अगले प्रयास में ठीक करके पुनः प्रयास करता है और ऐसा करते करते आखिर वह सफल हो ही जाता है।
सबकी परवाह करें:
हमें सबकी परवाह करनी चाहिए। एक इंसान होने के नाते हमारा यह कर्त्तव्य बनता है की हम अन्य लोगों की भी परवाह करें। उनके सुख दुःख में भागीदार बनें। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। इसलिए समाज की परवाह करना इंसान का एक मुख्य कर्त्तव्य है।
HOW TO IMPROVE YOURSELF?
दोहरा चरित्र न रखें:
वर्तमान समय में हम अक्सर यह देखते हैं कि कुछ लोग वास्तव में कुछ और होते हैं और दिखावे के लिए वह कुछ और होने का दिखावा करते हैं। ऐसा करना बिलकुल भी उचित नहीं है। हम जैसे हैं, वैसे ही समाज में रहे। अच्छे होने का नाटक करना, या फिर दिखावा करना हमें एक बेहतर इंसान बनने से रोकता है। इसलिए दोहरा चरित्र न रखें।
रिश्तों की क़द्र करें:
रिश्ते हमारे जीवन की सबसे अनमोल पूंजी है। हम चाहे कितना भी धन कमा लें, किन्तु हम धन से रिश्ते नहीं खरीद सकते हैं। यह रिश्ते ही होते हैं, जिनके लिए हम रात दिन एक कर देते हैं। खूब मेहनत करते हैं। एक पिता अपना संपूर्ण जीवन अपने बच्चों की परवरिश में व्यतीत कर देता है। यह इंसानियत का प्रमुख गुण है।
HOW TO IMPROVE YOURSELF?
सकारात्मक सोच रखें:
एक बेहतर इंसान बनने के लिए यह आवश्यक है कि हम सकारात्मक नजरिया रखें। यदि हम सकारात्मक नजरिया रखें। इससे हमारे व्यक्तित्व में निखार आता है। हम हर समस्या से निपट सकते हैं। हर परिस्थिति का मुकाबला कर सकते हैं। हमारा नजरिया ही हमारी आधी समस्या को हल कर देता है। जब परिस्थितियां हमारे अनुकूल नहीं होती तो हम विचलित हो जाते हैं। परन्तु यदि हमारा नजरिया सकारात्मक है तो हम विचलित न होकर उस समय संयम का परिचय देते हैं। हमारे इस नजरिये से परिस्थितियों पर हमारी मजबूत पकड़ होती है।
सभी प्राणियों के प्रति दयाभाव रखें:
सभी प्राणियों के प्रति दया भाव रखना हमें एक बेहतर इंसान बनता है। प्रकृति ने हमें अनेक प्रकार के जीव-जंतु, पशु-पक्षी तथा अनेक प्रकार के जीव दिए हैं। हमको चाहिए की जैसे हमको इस संसार में रहने का अधिकार है उसी प्रकार हर जीव का भी अधिकार है। वह जीव हमारे प्यार एवं देखभाल की अपेक्षा रखते हैं।
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अपने चरित्र का निर्माण करें:
चरित्र मनुष्य के जीवन के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। एक इंसान अपने चरित्र से ही जाना जाता है। हमारा चरित्र हमारी शक्शियत को बयां करता है। यदि किसी इंसान का चरित्र ही अच्छा नहीं है तो उस व्यक्ति को समाज में कोई सम्मान नहीं मिलता और उसकी बातों को अन्य व्यक्ति गंभीरता से नहीं लेते। ईमानदारी हमारे चरित्र में होनी चाहिए। एक ईमानदार व्यक्ति अपने और समाज की बेहतरी के लिए कार्य करता है।
मुसीबतों के न घबराएं:
एक बेहतर व्यक्ति मुसीबतों से घबराता नहीं है वरन उनका डटकर सामना करता है। मुसीबतें जीवन का एक अहम् हिस्सा हैं। यदि हम उनका सामना ही नहीं कर पाएंगे तो जीवन में कुछ नहीं कर पाएंगे। संघर्ष करके ही इंसान सफल होता है। हम जितने भी सफल व्यक्तियों के बारे में पढ़ते हैं तो हमको यह पता चलता है की उन्होंने अपने जीवन में अनेक मुश्किलों का सामना किया है और उन मुश्किलों का सामना करके ही वह आज उस मुकाम पर पहुंचे हैं।
SELF IMPROVEMENT TIPS IN HINDI
अपनी जिम्मेदारियों को समझें:
जिम्मेदारी इंसान को बेहतर इंसान बनाती हैं। सोचिये यदि हमारे ऊपर कोई जिम्मेदारी ही नहीं होगी या हमें पता ही नहीं होगा की हमें क्या करना है। तो हमारी जिंदगी हमेशा अस्त व्यस्त ही रहेगी। जिम्मेदारी हमें अपने होने का एहसास करवाती है। हमें हर कदम पर सोच समझकर फैसले लेने के लिए प्रेरित करती है। हमारी जिम्मेदारियां ही है जो हमें यह बताती हैं की हमें क्या करना है और क्या नहीं।
स्वार्थ और लालच से दूर रहें:
स्वार्थ और लालच हमारे व्यक्तित्व के सबसे बड़े शत्रु हैं। जो व्यक्ति स्वार्थी होगा, वह कभी भी समाज का भला नहीं कर सकता। वह हमेशा अपना कार्य निकालने की कोशिश करेगा और इस प्रकार अपने आपको निरंतर स्वार्थ के जाल में समेटकर रखेगा। लालच इंसान को बेहतर इंसान नहीं बना सकता। हमें लालच से दूर रहना चाहिए। जितना आपके पास है उसमे संतुष्ट रहना ही आपके व्यक्तित्व के विकास के लिए अच्छा है।पहले से बेहतर परिणाम पाने के लिए निरंतर मेहनत करना आवश्यक है। लालच से सफलता नहीं मिल सकती।अनुशाशन का पालन करें:
जीवन में अपना कोई उद्देश्य अवश्य रखें:
हर व्यक्ति के पास जीने की कोई न कोई उम्मीद अवश्य होनी चाहिए। जिससे कि वह हर समय उस लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत करे। अन्यथा वह ऐसे ही समय काटता रहेगा। और इस तरह अपने समय और अपनी कार्यकुशलता को गँवा देगा। जब हम अपनी जिंदगी को किसी लक्ष्य से जोड़ देते हैं तो हम उस लक्ष्य के प्रति समर्पित हो जाते हैं।
अपने कौशल का विकास करें:
अपने जीवन में कुछ नया सीखते रहे। हमने आज से पहले क्या सीखा था वह इतना मायने नहीं रखता। मायने यह रखता है की हमारा ज्ञान आज के परिवेश में उपयुक्त बैठता है या नहीं। जिंदगी में हमेशा नया ज्ञान, नयी तकनीक, नया विकास आदि पर लगातार काम होता रहता है। और हम देखते हैं की पुरानी तकनीक का स्थान नई तकनीक ले लेती है। इसलिए हमें अपने आपको बदलते समय के साथ ढालना होगा। आज जो ज्ञान व्यावहारिक है उसे सीखना होगा। तभी हम समाज के एक जिम्मेदार सदस्य बन पाएंगे।
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